• खरीफ सीजन (मौसम) समाप्त होने के बाद
प्रत्येक कृषकों को रबी मौसम में गेहूं की खेती
के लिए उपयुक्त होता है। इसकी बोवाई 15-20
अक्टूबर से शुरू हो जाती है।
• अच्छी पैदावार के लिए खेत को जैविक विधि से
तैयार करके मिट्टी में खरपतवारनाशक डालने
की सलाह दी जाती है।
• अक्टूबर के तीसरे सप्ताह से नवम्बर के पहले
सप्ताह तक मक्के की खेती कर कृषक अच्छा
लाभ कमा सकते है। मक्का की नकदी फसल
होती है। इस समय फसल में कीड़े बीमारियां
कम लगती है जिससे लागत भी कम लगता है।
• रबी सीजन (मौसम) के शुरूआत में मिट्टी की
जांच अवश्य करवाएं। राई सरसों लगाने का यह
उपयुक्त महीना होता है। सिंचाई की व्यवस्था
उपयुक्त होने पर सरसों की फसल में तेल अधिक
बनता है।
• पूसा – 256, अवरोधी, राधे के 850 आधार एवं
करनाल चना-1 अच्छी प्रजातियां है। चना फसल
की बोवाई 20-30 अक्टूबर तक की जानी चाहिए।
• आलू की खेती के लिये यह उपयुक्त मौसम होता
•
है। आलू की खेती के लिए खेतों को अच्छे से
जोतना चाहिए कि उसमें खाद का मिश्रण डालकर
10 से 15 दिनों में आलू की बोवाई करनी चाहिए।
कुफरी चन्द्रमुखी, कुफरी जवाहर कुफरी
अशोका, कुफरी बादशाह, कुफरी पुखराज की
खेती अक्टूबर में करने से उत्पादन अच्छा होता है।
इस माह में प्याज की नर्सरी लगानी चाहिए।
इसके लिए मिट्टी में कंपोस्ट खाद मिलाकर शैया
(Bed) तैयार करें यह कार्य 15 अक्टूबर से 10
नवम्बर के मध्य कर लेना चाहिए।
मटर की खेती अक्टूबर माह में करने से
(अगेती ) फसल लगाने से कृषकों को अच्छा
मुनाफा एवं कम लागत लगती है। मौसम साफ
होने के कारण कम कीड़े बीमारियां लगती है।
फूलगोभी की फसल अक्टूबर में लगाने से 60 से
70 दिनों में फूलगोभी की कटाई शुरू हो जाती है।
इस समय मंडी में अधिक भाव में बेचा जाता है।
पालक, मेथी एवं धनिया की खेती से नवम्बर माह
में बोने से ज्यादा अक्टूबर माह में बोने का अधिक
लाभ होता है। उत्पादन एवं बाजार भाव अधिक
प्राप्त होता है। (श्रीमती कीर्ति साहू – रायपुर )
