नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद ने मंदिरों को चढ़ावे
के रूप में मिली धनराशि का उपयोग हिंदू विरोधी
कार्यों में करने का आरोप लगाया है। विहिप के
संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन ने दावा किया कि
आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रबंधन ने
श्रद्धाभाव से अर्पित की गई देव राशि ( चढ़ावा ) का
न सिर्फ सरकारी अधिकारियों- राजनेताओं ने
दुरुपयोग किया, बल्कि इसे हिंदुओं का धर्मांतरण
करने वाली संस्थाओं में भी बांटा गया। जैन ने दावा
किया कि केरल और तमिलनाडु के मंदिरों के प्रबंधन
की ओर से भी ऐसे कृत्य करने के लगातार समाचार
मिल रहे हैं। जैन ने कहा कि बहुसंख्यक हिंदू समाज
अब अपनी आस्था से खिलवाड़ को सहन नहीं
करेगा। राज्य सरकारें एक निश्चित समय में हिंदू
मंदिरों से अपना नियंत्रण हटा लें। विहिप इसके लिए
देशभर के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों को ज्ञापन
देगा। यदि मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने
में देरी हुई तो विहिप देशव्यापी आंदोलन करेगा |
• गोविंद देव मंदिर से ईदगाह को मिला
अनुदान विहिप के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेन्द्र जैन
ने कहा कि दक्षिण भारत के कई राज्यों से चढ़ावे की
राशि में भ्रष्टाचार और इसके दुरुपयोग के समाचार
आ रहे हैं। कुछ दिन पूर्व ही यह खुलासा हुआ कि
राजस्थान में कांग्रेस शासनकाल के दौरान प्रसिद्ध
गोविंद देव मंदिर से 9.82 करोड़ रुपये ईदगाह को दे
दिए गए। तिरुपति सहित कई मंदिरों की चढ़ावे की
राशि से धर्मांतरण कराने वाली संस्थाओं को
अनुदान
दिया गया। (एजेंसी)
