नागपुर विजयादशमी पर डॉ. मोहन भागवत के उद्बोधन की 5 बड़ी बातें

  1. मणिपुर हिंसा हुई नहीं करवाई गई
    संघ सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि
    मणिपुर में हिंसा करवाई गई है। उन्होंने कहा-
    मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय सालों से एक
    साथ रहते रहे हैं। इनके बीच सांप्रदायिक आग कैसे
    लगी? क्या हिंसा करने वाले लोगों में सीमा पार के
    कट्टरपंथी भी थे ?
    वहां सालों से सबकी सेवा करने वाले संघ जैसे
    संगठन को बिना कारण इसमें घसीटा गया । मणिपुर
    में अशांति और अस्थिरता से विदेशी सत्ताओं को
    लाभ हो सकता है। देश में मजबूत सरकार के होते
    हुए भी यह हिंसा किनके बलबूते इतने दिनों से चल
    रही है ? इससे साफ है कि यह हो नहीं रहा है,
    करवाया जा रहा है ।
  2. लोकसभा चुनाव में भावनाएं भड़काकर
    वोट नहीं मांगना चाहिए
    डॉ. भागवत ने कहा- 2024 में लोकसभा चुनाव
    होने हैं। लोगों की भावनाएं भड़काकर वोट मांगने के
    प्रयत्न नहीं होने चाहिए, लेकिन ये फिर भी होता है।
    समाज की एकता कोचोट पहुंचाती हैं। वोट
    डालना हर व्यक्ति का कर्तव्य है । देश की एकता,
    अखंडता, अस्मिता और विकास जैसे अहम मुद्दों
    को ध्यान में रखकर अपना वोट डालें ।
  3. समाज में कलह फैलाने के प्रयत्न हो रहे है
    सामाजिक अराजकता पर डॉ. भागवत ने कहा-
    समाज विरोधी कुछ लोग खुद को सांस्कृतिक
    मार्क्सवादी या वोक कहते हैं, लेकिन उन्होंने मार्क्स
    को 1920 दशक से भुला रखा है । वे दुनिया की सभी
    शुभ चीजों, संस्कृति का विरोध करते हैं । वे लोग
    अराजकता का प्रचार-प्रसार करते हैं । यह चिंता का
    विषय है । झगड़े को छोड़कर सुलह पर चलना ही
    श्रेष्ठता है। हम सब एक ही पूर्वजों के वंशज हैं। एक
    मातृभूमि की संतानें हैं । हमें इसी आधार पर फिर से
    एकजुट होना है।
    शाश्वत राष्ट्रबोध
    ॐ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ॐ
    नागपुर महानगर
    श्री विजयादशमी उत्सव
  4. राम मंदिर के उद्घाटन पर सभी राम मंदिर
    में कार्यक्रम
    अयोध्या में भगवान श्रीराम 22 जनवरी 2024 को
    मंदिर में प्रवेश करने वाले हैं। गर्भगृह में श्रीरामलला
    का अभिषेक किया जाएगा। उद्घाटन के दिन वहां
    हर किसी का पहुंच पाना संभव नहीं हो पाएगा ।
    इसलिए जो जहां है, वे वहीं के राम मंदिर में
    कार्यक्रम का आयोजन करें। यह हर दिल में, मन के
    राम को जगाएगा और मन की अयोध्या को
    सजाएगा। समाज में स्नेह, जिम्मेदारी और सद्भावना
    का वातावरण बनाएगा ।
  5. चंद्रयान मिशन और एशियाई खेलों में
    भारत का गौरव बढ़ा
    डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि हमारे देश के
    खिलाड़ियों ने एशियन गेम्स में पहली बार 100 से
    अधिक मेडल जीते। खिलाड़ियों ने कुल पदक (28
    स्वर्ण, 38 रजत और 41 कांस्य) जीतकर हमें गर्व का
    अनुभव कराया । हम उन्हें हार्दिक बधाई देते हैं। चंद्रयान
    मिशन ने भारत की ताकत, बुद्धिमत्ता और कौशल को
    भी शानदार ढंग से प्रदर्शित किया। हमारे वैज्ञानिकों के
    अपने ज्ञान और तकनीकी कौशल के साथ राष्ट्र के
    नेतृत्व की इच्छाशक्ति निर्बाध रूप से जुड़ी हुई है।
    नवम्बर २०२३

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