सभी को चुनना है, सही को चुनना हैअवकाश को कर्त्तव्य दिवस मानकर मतदान करें

जैसे बच्चों का पालन पोषण, माता-पिता का
कर्तव्य है, बालिग बच्चों का अपने माता-पिता की
सेवा का कर्त्तव्य है, वैसे ही आपका कर्त्तव्य है कि
मतदान करें। हमारी वैदिक परंपरा में दान को
पारलौकिक उपलब्धि माना जाता है और मतदान
लौकिक पुण्य का कार्य है । जिस मिट्टी में आपने
जन्म लिया, जिस देश में आपने जन्म लिया, जिस
प्रदेश में आपने जन्म लिया, उसके लिए आपका
कर्तव्य है। तय तारीख में सुयोग्य प्रत्याशी को
अपना मत जरूर दें। अपना मत (वोट) अमूल्य है ।
इसे कोई नहीं खरीद सकता ।
आप अपने विवेक के आधार पर उत्तरदायित्व का
निर्वाह करते हुए मतदान अवश्य करें । सामान्यतः
मतदान के अवकाश को लोग पिकनिक डे मानते हैं।
लोग मतदान करने के बजाय परिवार के साथ घूमने
निकल जाते हैं । मतदान दिवस देश की वंदना का
दिवस है। मजबूत सरकार, मजबूत प्रदेश, मजबूत
देश बनाएगा। आपका एक मत पूरे समाज का
भविष्य है। इसलिए मतदान के दिन को अवकाश का
दिन न मानते हुए, अपने उत्तरदायित्व निर्वाह का दिन
मानें। आपका एक मत मजबूत सरकार बनाएगा ।
प्रदेश के विकास में अपनी अहम भूमिका निभाएगा ।
संविधान मतदान करने का अधिकार भी देता है ।
जिस तरह आप संविधान से प्राप्त अन्य अधिकारों के
लिए जागरूक हैं, वैसे ही मतदान के लिए भी
जागरूक बनिए। आपका एक मत प्रदेश व देश के
विकास में अहम योगदान निभा सकता है। यदि बनाना
चाहते हैं हिंदुस्तान, तो भाई मेरे, करना जरूर
मतदान… । (पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे, प्रसिद्ध हास्य कवि )
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मुंबई हमले का किया जिक्र
संयुक्त राष्ट्र । अमेरिकी विदेश
मंत्री एंटनी ब्लिंकन संयुक्त राष्ट्र
सुरक्षा परिषद में आतंकवाद पर
बात करते हुए मुंबई हमले का
जिक्र किया। ब्लिंकन ने कहा,
मुंबई में पाकिस्तानी लश्कर-ए-
तैयबा का हमला हो या इजराइल में
हमास का, आतंक की हर घटना
अनुचित और अस्वीकार्य है।

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